Thursday, April 12, 2012

Bhajan : ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू:

ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: |

मैने पूछा पपीहा से हे पपीहा |
तेरा किसके विरह मे तङपे जिया ||
है लगन मे मगन दिल किसको दिया |
पीपी करता बता तेरा कौन पिया ||

बोला ईश्वर वही मेरा प्यारा प्रभू |  
ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू:  ||

वही  आकाश धन गिरि श्रंगो मे है |
वही ताल तडाग विहगो मे है ||
वही सिंधु की ताल तरंगो मे है |
वही रमा हुआ सब रंगो मे है ||

फूलो मे बसे उसकी खुशबू |
ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू:  ||

भक्ति रस मे दयानन्द ऐसे बहे |
आजन्म अखंङ ब्रह्मचारी रहे ||
धर्म रक्षा के हित लाखो संकट सहे |
जाते जाते भी ऋ्षि यों कहते गये ||

तेरी इच्छा हो पूरण प्यारे प्रभू |
ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ओ३म् भू: ||                     

No comments:

Post a Comment